एक बालक था ... वो चाय बेचता था ..फिर उसने BA किया फिर MA भी किया ....फिर वो शिक्षक बनना चाहता था , लेकिन वो सैनिक भी बनना चाहता था , वो डॉक्टर भी बन कर देश की सेवा भी करना चाहता था लेकिन वो किसान था , दलित भी अपने आपको मानता था लेकिन खुद 'पिछड़ा' था इसके बावजूद भी आसाम के चाय के बाग़ानो से उसका पुराना रिश्ता था ,उसका रिश्ता UP बिहार से भी था, उसे गंगा मईया बुलाती थी लेकिन वो मन की बात करता था भाषण देने में मस्त रहता था लेकिन वास्तव में वो गुजराती था व्यापार उसके ख़ून में था लेकिन उसका उद्धेश्य तो अपना 56 इंच का सीना पाकिस्तान को दिखाकर एक के बदले दस सिर लाने वाला था लेकिन उसकी आस्था तो राम मंदिर में थी वो राम मंदिर बनाने वाला था लेकिन कश्मीरियों से बहुत लगाव था इसलिए पहले वो जम्मू कश्मीर से धारा 370 भी हटाना चाहता था इसके लिए वो सबके खातों में भी पंद्रह लाख जमा कराने वाला था , फिर एक दिन वो प्रधान सेवक बन गया ....फिर चौक़ीदार भी बन गया.....फिर सुना है कि वो तो 1 मई को मज़दूर नम्बर वन बन गया है।
Wali Siddiqui
Gorakhpur, U.P.
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